नौगछिया भागलपुर जिला का एक बहुत ही महत्वपूर्ण जगह है | सामाजिक और आर्थिक, दोनों दृष्टी से नौगछिया का अपना महत्व हैं | नौगछिया अपने आप में पुलिस जिला भी है | यहाँ की जनसँख्या तक़रीबन ४०,००० है जिसमे ५४% पुरूष और ४६% महिलाएं है | यहाँ के ४८% लोग साक्षर है जिसमे ५६% पुरूष और ३८% महिलाएं साक्षर हैं |
बात करें पढ़ाई लिखाई की तो नौगछिया में कुछ बहुत ही अच्छे दर्जे के स्कूल और कॉलेज है | मदन अहिल्या कॉलेज, जो १९८२ में स्थापित हुआ था, शहर का एक महत्वपूर्ण कॉलेज है जहाँ छात्र अपने सपनो को पूरा करने के लिए दाखिला लेते है | इसके अलावा उर्दू मध्य विद्यालय, झंडापुर मध्य विद्यालय, जय प्रकाश कॉलेज, जी बी कॉलेज जैसे और भी बहुत सारे स्कूल और कॉलेज हैं |
नौगछिया एक कृषि प्रधान कस्बाई इलाका है | बात करें खेती-बारी की तो नौगछिया केला की खेती के लिए पूरे पूर्वी भारत में प्रसिद्द है | यहाँ का केला कलकत्ता, सिलिगुरी से लेकर इलाहाबाद तक प्रसिद्द है | केला के अलावे मकई, धान, गेहूं, दलहन और तिलहन फसलों की खेती व्यापक पैमाने पर किया जाता है |
गंगा नदी नौगछिया को भागलपुर जिला मुख्यालय से अलग करती है | विक्रमशिला सेतु जो की भारत की दूसरी सबसे बड़ी सेतु है, नौगछिया को भागलपुर से जोड़ती है | दूसरी तरफ़ कोशी नदी है और उस नदी के किनारे किनारे बहुत सारे गाँव बसे हुए है जैसे भवनपुरा, कहारपुर, बिहपुर इत्यादि |
नौगछिया एक दियारा इलाका भी है | यहाँ के दियारे में कोयल की कूक के अलावे बंदुको के गूंज भी सुनाई देती है | दियारा इलाका बदमाशो के लिए किसी स्वर्ग से कम नही है | उस इलाके में वो एक छत्र राज करते हैं | पुलिस उसके सामने लचर दिखती है क्योकि वो लोग अपराध करके दियारे इलाके में छुप जाते है, जहाँ तक पुलिस नही पहुँच पाती है |
भ्रमरपुर और तेतरी का दुर्गा मन्दिर न केवल नौगछिया बल्कि पूरे भागलपुर में प्रसिद्द है | हजारों की संख्या में लोग वहां दुर्गा पूजा में जाते हैं और माँ दुर्गा से अपनी मनोकामनाएं मांगते है | तेतरी के दुर्गा मन्दिर को बम काली के नाम से जाना जाता है |
नेशनल हायवे नम्बर ३१ नौगछिया के बीचोबीच से गुजरता है, जो यहाँ की मुख्य सड़क हैं | यहाँ पूर्वोत्तर रेलवे का १ स्टेशन भी है जिसका नाम नौगछिया ही हैं। यहाँ कटिहार से पटना रूट की ज्यादातर गाडियां रूकती है | ये भागलपुर जिला का एक बहुत ही महत्वपूर्ण स्टेशन है |
नौगछिया के मुख्य गाँव में तेतरी, बिहपुर, झंडापुर, भ्रमरपुर, नारायणपुर, सोनबर्षा, भवनपुरा, गोपालपुर, रंगरा, शाहू परबत्ता, तुलसीपुर इत्यादि हैं | यहाँ के लोग बहुत ही अच्छे होते हैं | उनकी भाषा बहुत प्यारी होती है | ये लोग मुख्यत अंगिका बोलते हैं |
बात करें पढ़ाई लिखाई की तो नौगछिया में कुछ बहुत ही अच्छे दर्जे के स्कूल और कॉलेज है | मदन अहिल्या कॉलेज, जो १९८२ में स्थापित हुआ था, शहर का एक महत्वपूर्ण कॉलेज है जहाँ छात्र अपने सपनो को पूरा करने के लिए दाखिला लेते है | इसके अलावा उर्दू मध्य विद्यालय, झंडापुर मध्य विद्यालय, जय प्रकाश कॉलेज, जी बी कॉलेज जैसे और भी बहुत सारे स्कूल और कॉलेज हैं |
नौगछिया एक कृषि प्रधान कस्बाई इलाका है | बात करें खेती-बारी की तो नौगछिया केला की खेती के लिए पूरे पूर्वी भारत में प्रसिद्द है | यहाँ का केला कलकत्ता, सिलिगुरी से लेकर इलाहाबाद तक प्रसिद्द है | केला के अलावे मकई, धान, गेहूं, दलहन और तिलहन फसलों की खेती व्यापक पैमाने पर किया जाता है |
गंगा नदी नौगछिया को भागलपुर जिला मुख्यालय से अलग करती है | विक्रमशिला सेतु जो की भारत की दूसरी सबसे बड़ी सेतु है, नौगछिया को भागलपुर से जोड़ती है | दूसरी तरफ़ कोशी नदी है और उस नदी के किनारे किनारे बहुत सारे गाँव बसे हुए है जैसे भवनपुरा, कहारपुर, बिहपुर इत्यादि |
नौगछिया एक दियारा इलाका भी है | यहाँ के दियारे में कोयल की कूक के अलावे बंदुको के गूंज भी सुनाई देती है | दियारा इलाका बदमाशो के लिए किसी स्वर्ग से कम नही है | उस इलाके में वो एक छत्र राज करते हैं | पुलिस उसके सामने लचर दिखती है क्योकि वो लोग अपराध करके दियारे इलाके में छुप जाते है, जहाँ तक पुलिस नही पहुँच पाती है |
भ्रमरपुर और तेतरी का दुर्गा मन्दिर न केवल नौगछिया बल्कि पूरे भागलपुर में प्रसिद्द है | हजारों की संख्या में लोग वहां दुर्गा पूजा में जाते हैं और माँ दुर्गा से अपनी मनोकामनाएं मांगते है | तेतरी के दुर्गा मन्दिर को बम काली के नाम से जाना जाता है |
नेशनल हायवे नम्बर ३१ नौगछिया के बीचोबीच से गुजरता है, जो यहाँ की मुख्य सड़क हैं | यहाँ पूर्वोत्तर रेलवे का १ स्टेशन भी है जिसका नाम नौगछिया ही हैं। यहाँ कटिहार से पटना रूट की ज्यादातर गाडियां रूकती है | ये भागलपुर जिला का एक बहुत ही महत्वपूर्ण स्टेशन है |
नौगछिया के मुख्य गाँव में तेतरी, बिहपुर, झंडापुर, भ्रमरपुर, नारायणपुर, सोनबर्षा, भवनपुरा, गोपालपुर, रंगरा, शाहू परबत्ता, तुलसीपुर इत्यादि हैं | यहाँ के लोग बहुत ही अच्छे होते हैं | उनकी भाषा बहुत प्यारी होती है | ये लोग मुख्यत अंगिका बोलते हैं |